RSI क्या है ?
"RSI यह एक टेक्निकल इंडिकेटर है।" स्टॉक मार्केट काम करने वाले आप जैसे सारे गुणी ट्रेडर्स इसका इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। स्टॉक मार्केट के सभी इंडीकेटर्स में यह लीडिंग इंडिकेटर माना जाता है। इसके सही इस्तेमाल से हम ट्रेन्ड को अच्छे से समझ सकते है।
स्टॉक मार्केट में चार्ट पर, हम यह टेक्निकल एनालिसिस का इंडिकेटर लगा सकते हैं। RSI याने की रिलेटिव्ह स्ट्रेंथ दिखाने वाली लाइन जो की हम चार्ट के निचे देख सकते है। अब यह रिलेटिव्ह स्ट्रेंथ क्या होती है। जवाब में कहते हैं की, यह "बायिंग और सेलिंग का रिलेशन" दिखाती है। फिर सवाल यह बनता हैं की, किस प्रकार का रिलेशन ? तो इसे ऐसे जानेंगे की, RSI लाइन शेअर में सेलिंग की तुलना में बायिंग ज्यादा हुई है या बायिंग की तुलना में सेलिंग ज्यादा हुई है यह दिखाती है। आसान हैं?
RSI indicator formula in Hindi
Relative Strength Index formula दो समीकरण लेता है। पहला घटक समीकरण प्रारंभिक सापेक्ष शक्ति (RS) मान प्राप्त करता है, जो कि औसत 'ऊपरवाले बंद' का अनुपात है, जो निम्न सूत्र में दर्शाए गए 'N' अवधियों से अधिक 'नीचे' के औसत के करीब है:
RSI indicator formula in Hindi
RS = 'N' दिन का औसत उपरवाले बंद / 'N' दिन का औसत नीचेवाले बंद
वास्तविक RSI सूचक मान की गणना निम्न सूत्र के उपयोग के माध्यम से सूचक को 100 पर अनुक्रमित करके की जाती है:
Relative strength index formula:
RSI = 100 - (100/1 + RS)
(Rsi)Overbought Oversold
ओवरबॉट और ओवरसोल्ड
निवेशक किसी शेयर में ओवरबॉट और ओवरसोल्ड की स्थिति का पता लगाने के लिए rsi indicator को यूज करते हैं . जिसमे जब rsi 70 के उपर हो तब वह overbought माना जाता है और जब rsi वैल्यू 30 के निचे हो तब वह oversold माना जाता हैं . यह वैल्यू मुख्य रूप से किसी स्टॉक के रेवेर्सल के संकेत को बताते हैं जिससे निवेशक ट्रेंड बदलते ही उस शेयर में अपनी जगह बना सकते हैं .
Rsi Divergence
डायवर्जेंस और कन्वर्जेंस
rsi indicator एवं स्टॉक की price action के बिच बनाने वाले डायवर्जेंस और कन्वर्जेंस भी संभावित व्यापारिक अवसरों में अवसर प्रदान करती हैं .इसमें बुलिश डायवर्जेंस तब होता है जब स्टॉक की कीमत कम हो रही होती हैं . bearish डायवर्जेंस तब होता है जब स्टॉक कीमत अधिक हो रही होती हैं .
इसे चार्ट में समझने के लिए जब price उपर जाता है और rsi यदि निचे जाये तो bearish डायवर्जेंस होगा यानी की वह स्टॉक कभी भी अपना ट्रेंड बदल सकता है और मंदी की सुरुवात हो सकती हैं . थिकिसी प्रकार अब स्टॉक price निचे जाए और rsi वैल्यू उपर की तरफ दिखाई दे तो वह बुलिश डायवर्जेंस होगा यानी अपना ट्रेंड कभी बदल सकता है और स्टॉक का भाव उपर जा सकता हैं .
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